समस्तीपुर : लोकसभा 2024 का अंतिम चरण का मतदान होते ही राजनैतिक गलियारे में हलचल तेज हो चुका है तो वहीं कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। राजनैतिक दल के कार्यकर्ता अपने अपने पक्ष को लेकर गणित बैठाकर अपने अपने प्रत्याशी को जीत सुनिश्चित के लिए माथापच्ची कर रहे हैं, यदि आप किन्हीं कारणों से इन राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं से टकरा गए तो आपका घंटा दो घंटा इन राजनैतिक दल के कार्यकर्ता के लिए अनिवार्य हो जाता है, क्योंकि इन राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं को अपने अपने दल के प्रत्याशीयों का जीत सुनिश्चित करने के लिए आकलन जो करना है। यदि आप अपना पिंड इन राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं से छुड़ाना चाहते हैं तो इनके हॉं में हॉं मिलाकर चलते बनिए अन्यथा ये लोग आपका माथापच्ची तबतक करते रहेंगे जबतक ये लोग आपसे अपने पक्ष का नही सुन लेते हैं तब जाकर आपकी छुट्टी इन लोगों के पास से है। यदि कोई तेजतर्रार लोग इन लोगों से टकरा जाते हैं तो इन राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं का मनोभाव को समझते हुए इनके पक्ष का सुनाते हुए कहे पाये जाते हैं कि अरे आपके प्रत्याशी का तो मेरे गांव और मेरे आसपास के गांवों में आपके प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान पड़ा है, इस बार आपकी पार्टी की जीत सुनिश्चित है..कहते हुए किसी तरह इनलोगो से पल्ला झार कर आगे अपने काम में निकलने को सोचते हैं। जबकि सच्चाई ये है कि 2024 लोकसभा के चुनाव में कुछ राजनीति दल के कार्यकर्ताओं को छोड़कर आम मतदाता मतदान करने के बाद बिल्कुल खामोश हैं, आम मतदाता किसी भी रूप से खुलने को तैयार नही हैं । लेकिन दलीय कार्यकर्ता अपने अपने प्रत्याशी को विजयी बनाने से कभी पीछे नहीं हट रहे हैं, वहीं मतदाताओं का कहना है कि 4 जून तक सब्र किजिए उस दिन पता चल जायेगा कि आपका प्रत्याशी जीता या नहीं..। दबी जुबान को लिया जाए तो पार्टी आलाकमान के फैसले से नाराज वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ताओं ने ही अपने दल के पार्टी प्रत्याशीयों से लोकसभा चुनाव में भीतरघात किया गया है । जिसका खामियाजा पार्टी आलाकमान को चुनाव रिजल्ट में भुगतना पड़ेगा । ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो 4 जून को ही पता चलेगा कि लोकसभा चुनाव में जनता किस ओर करवट लिया है । लोकसभा के प्रथम चरण से लेकर अंतिम चरण तक का चुनाव समपन्न हो जाने के बाबजूद भी आम मतदाता का खामोशी पार्टी प्रत्याशी व समर्थकों के धड़कन को तेज कर रखा है ।