समस्तीपुर : ताजपुर प्रखंड के हरिशंकरपुर बघौनी पंचायत में आत्मा समस्तीपुर के द्वारा संचालक-सह-प्रगतिशील किसान बैधनाथ रॉय के द्वारा किसान खेत पाठशाला योजना अंर्तगत 1 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाए गए सीधी बुआई तकनीक से धान की खेती का प्रत्यक्षण प्लॉट पर फसल जांच कटनी प्रयोग 10×5 वर्ग मीटर में पंचायत के कृषि समन्वयक पंकज कुमार, सहायक तकनीकी प्रबंधक स्वाति कुमारी एवं मारुत नंदन शुक्ल के देखरेख में किया गया।प्रशिक्षण सत्र में पंकज कुमार कृषि समन्वयक के द्वारा धान कटाई के बाद भिविन्न तकनीकी जानकारी किसानों को दी जैसे-अन्न भंडारण के उपाय, फसल कटनी के बाद रख-रखाव की जानकारी, कटनी के बाद भंडारण में लगने वाले कीटों का प्रबंधन, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, एवं मूल्यवर्धन के उपाय, मार्केटिंग इत्यादि की विस्तृत जानकारी उपस्थित किसानों को दी। स्वाति कुमारी,सहायक तकनीकी प्रबंधक ने बताई की बीज का भंडारण महत्वपूर्ण क्रिया है इसका मुख्य उद्देश्य बुआई के समय या बिक्री के समय तक बीज की अंकुरण क्षमता तथा गुणवत्ता बनाये रखना है,बीज की नमी की मात्रा 14% से ऊपर होने पर उसमे फंगस बढ़ने से अंकुरण प्रभावित होने लगता है उसी प्रकार बीज की नमी 5% से कम होने पर भौतिक व रासायनिक परिवर्तन होने लगता है और बीज के स्वास्थ्य में गिरावट आने लगती है, धान को 32 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर भंडारित किया जाए और बीज में नमी की प्रतिशत 12 से 13 प्रतिशत हो तो 6 माह तक, 10-12 % नमी हो तो 1 वर्ष तक, 9 से 11% नमी रहती है तो 2 वर्ष तक और 8 से 10 % नमी रहने पर बीज को 4 वर्ष तक जीवित रखा जा सकता है। मारुत नंदन शुक्ल ने किसान खेत पाठशाला के अंर्तगत अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण में अपनाये जाने वाले तकनीक का गैर प्रत्यक्षण क्षेत्रों से मिलान कर प्रभाव को किसानों को दिखाया गया एवं प्रशिक्षणार्थियों के ज्ञान का आंकलन किया गया।
प्रगतिशील किसान-सह-किसान पाठशाला के संचालक बैधनाथ रॉय ने बताया कि मौसम के बदलते परिवेश में धान की सीधी बुआई तकनीक धान की खेती के लिए सर्वोत्तम तकनीक है, उन्होंने कहा कि “करके सीखो”के साथ देख कर एवं उपज प्राप्त कर विश्वास करें के सिद्धांत पर किसान पाठशाला का आयोजन आत्मा के द्वारा किया गया। इस तकनीक से खेती करने पर श्रम की बचत, पानी की बचत, उर्वरक की बचत,समय की बचत के साथ-साथ लागत में कमी एवं उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, उन्होंने प्रखंडों के किसानों को सलाह दिया कि धान लगाने से पहले अगर ढैंचा की खेती कर और पलट कर धान लगाये किसान तो खेत मे रासायनिक उर्वरक डालने की आवश्यकता नही पड़ती है। इस अवसर पर पूर्व मुखिया डॉ०राम कृपाल राय, युवा प्रगतिशील किसान मनीष कुमार, नवनीत कुमार, राहुल कुमार, रामनाथ राय, बैधनाथ राय, अर्जुन कुमार, कुंदन कुमार, मीना देवी इत्यादि किसानों ने भाग लिया।