डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में तीन दिवसीय किसान मेला का डिप्टी सीएम ने किया शुभ उद्घाटन।

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आरके राय चंद्रकांता न्यूज़ समस्तीपुर:

समस्तीपुर : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में तीन दिवसीय किसान मेला का शुभारंभ हो गया है । 23 फरवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले किसान मेला का उद्घाटन डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा , राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर , एमएलसी डॉ तरुण कुमार , डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी एस पांडे ने ने दीप प्रज्वलित कर किया।किसान मेला के उद्घाटन से पूर्व अतिथियों ने किसानों के द्वारा लगाए गए फल और सब्जियों के प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।
इस मेले का थीम खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर रखा गया है ।
किसान मेला में विश्वविद्यालय के अलावे-अलग तरह के कुल 160 स्टाल भी लगाए गए है । मेले में बिहार के अलावे झारखंड , पश्चिम बंगाल , उड़ीसा , उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , सहित अन्य राज्यों से किसान पहुंच रहे है । और विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित किए गए नए कृषि संयंत्र और बीजों के साथ नई तकनीक की जानकारी हासिल कर रहे है। मेले में पहुंचने वाले किसान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस मेले से काफी खुश दिख रहे है । उनका कहना है कि इस तरह के मेले में उन्हें खेती के नए तकनीक और नए प्रभेद की जानकारी मिलती है । जिससे किसानों को काफी फायदा मिलता है ।
वही इस मेले के आयोजन को लेकर डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी एस पांडे ने बताया की इस वर्ष के किसान मेले का थे में खाद्य सुरक्षा से पोषण की ओर रखा गया है मेले के पहले दिन खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा पर चर्चा होगी वहीं दूसरे दिन प्राकृतिक खेती और श्री अन्य के प्रचार प्रचार विषय पर चर्चा की जाएगी वहीं मेले के अंतिम दिन डिजिटल एग्रीकल्चर के ऊपर सेमीनार का आयोजन किया गया है । विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार अनुसंधान किए जा रहे हैं । और इस मेले के माध्यम से किसानों को जानकारी दी जा रही है । उनका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा किसान से ज्यादा किसानों के बीच तकनीकों को साझा किया जाए ताकि किसान कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा कर अपनी आय को बढ़ा सकें ।
वंही इस मेले के मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे डिप्टी विजय कुमार सिन्हा ने कहां की भारतीय परंपरा और नई तकनीक के साथ भविष्य की चिंता करते हुए कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है । नौजवान को जोड़ना है । कृषि को रोजगार और स्वरोजगार का बड़ा वातावरण बनाना है । हर भारतीय एक नए अनुसंधान के साथ और नए रिसर्च के साथ कदम बढ़ाए जिस देश ही नहीं विश्व का नेतृत्व करें ।

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