समस्तीपुर शहर स्थित लोहिया आश्रम के परिसर में भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ट कार्यकरता पूर्व जिला अध्यक्ष एवं जिला मंत्री कृष्ण मोहन राय जी के अध्यक्षता व जिला मंत्री पंकज कुमार कर्ण के संचालन में भारतीय मजदूर संघ का स्थापना दिवस मनाया गया स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर उपस्थित सदस्यों को महेश राय सुधा कुमारी ने संबोधित किया एवं भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी रामबाबू सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय मजदूर संघ की स्थापना स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है के उदघोषक लोकमान्य तिलक के पावन जन्मदिन 23 जुलाई 1955 में माo दातोपंत ठेगरी के नेतृत्व में भोपाल में हुई भारतीय मजदूर संघ की स्थापना के पूर्व देश में दो तरह की यूनियने कार्यरत थी पहले विदेश से प्रेरणा लेकर काम करने वाला संगठन तथा दूसरा रोजी-रोटी के लिए कार्यरत यूनियन 1955 के पूर्व चार केंद्रीय श्रम संगठन एटक इंटक एचएमएस तथा यूटीयूसी मजदूर क्षेत्र का नेतृत्व कर रहा था यह चार मजदूर संगठन किसी न किसी राजनीतिक दल के अंग के रूप में या उनके पिट्ठू के रूप में कार्यरत थे इसलिए मजदूरों की समस्या का निराकरण कराने तथा मजदूरों का सही नेतृत्व प्रदान करने में असफल रहे तब एक ऐसे श्रम संगठन की आवश्यकता थी जो भारतीय संस्कृति के आधार पर तथा भारत की मिट्टी से प्रेरणा लेकर मजदूरों के लिए ईमानदारी पूर्वक संघर्ष करें तथा उनके जीवन को उन्नत करते हुए राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में भागीदार बन सके इसलिए भारतीय मजदूर संघ की स्थापना इस देश तथा श्रमिक वर्ग के लिए ऐतिहासिक आवश्यकता थी भारतीय मजदूर संघ मजदूरों का मजदूरों के लिए एवं मजदूरों द्वारा संचालित विशुद्ध ट्रेड यूनियन है यह दलगत राजनीति तथा व्यक्तिगत नेतागिरी से ऊपर है राष्ट्रहित के चौखट के भीतर उद्योग व मजदूर हित इसे मान्य है वर्ग संघर्ष नहीं अपितू वर्ग समन्वय एवं अन्याय के विरुद्ध संघर्ष इसका घेाष वाक्य है अपने लक्ष्य और उद्देश्यों के प्रति के लिए भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रवाद व देशभक्ति के अनुरूप सभी न्याय संगत साधनों को प्रयोग में लाने का पक्षधर है मजदूर क्षेत्र में प्रचलित अवैज्ञानिक तथा नफरत पर आधारित विघटनकारी नारो के स्थान पर भारतीय मजदूर संघ ने सार्थक और सृजनात्मक नारे दिए जैसे दुनिया के मजदूर एक हो इंकलाब जिंदाबाद की स्थान पर मजदूरो दुनिया को एक करो भारत माता की जय देश के हित में करेंगे काम काम का लेंगे पूरा दाम भारतीय मजदूर संघ की क्या पहचान त्याग तपस्या और बलिदान इत्यादि हमारे तीन सिद्धांत है राष्ट्र का औद्योगिकरण उद्योग का श्रमिकीकरण तथा श्रमिकों का राष्ट्रीयकरण के द्वारा राष्ट्र को उन्नतसील बनाने का संकल्प भारतीय मजदूर संघ ने व्यक्त किया है गरीबी और बेकारी से मुक्ति पाने के लिए पूंजी प्रधान के स्थान पर श्रम प्रधान अर्थ रचना की मांग कर भारतीय मजदूर संघ ने अपने उद्देश्यों के सभी पहलुओं को व्यक्त किया है त्याग तपस्या और बलिदान के प्रति भगवा ध्वज को अपना ध्वज तथा विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाने का निश्चय भारतीय मजदूर संघ ने किया है मजदूर क्षेत्र में सबसे बाद में आने वाला मजदूर संगठन सभी संगठन को पीछे छोड़ते हुए आज 2 करोड़ से ऊपर सदस्यता के साथ हिंदुस्तान का सबसे बड़ा श्रम संगठन बन गया है यह गौरव भारतीय मजदूर संघ को कार्यकर्ताओं के अ हनीश परिश्रम त्याग और बलिदान के कारण प्राप्त हुआ है मौके पर शैलेंद्र कुमार सिंह रामनाथ राय कुमारी ममता मनोज कुमार सा रामकुमार अनूप दास विनोद शाह प्रदीप राय धर्मनाथ कुमार विभा कुमारी राजेश कुमार रणधीर कुमार संधीर कुमार शुशांत शेखर तनवीर जावेद शिव कुमार दास डॉ एसके दास आदि उपस्थित