अमरदीप नारायण प्रसाद
राजनीती शास्त्र, स्नातक.
लालू काका बिहार से दिग्गज राजनीतीज्ञों की श्रेणी में आते है. मैंने सोचा था, की वे ममता कुलकर्णी के बहाने बिहार मे भोजपुरी फिल्म उधोग की स्थापना करना चाहते है. इसी बीच उनकी सरकार चली गई. नीतीश कुमार जी सत्ता में आये वे लडकियो की शिक्षा, बिजली, सडक, पुल निमार्ण मे बेहतर किये, किन्तु उधोग के प्रति रूचि नहीं दिखाए, यहीं बिहार के बेरोजगारी का मुख्य कारण बना हुआ है.फिल्म उधोग किसी भी राज्य के विकास मे रीढ की हड्डी के समान है!
हिन्दुस्तान के सभी प्रांतो मे क्षेत्रीय भाषा पर आधारित फिल्म सिटी, फिल्म स्टुडिओं, संगीत महाविद्यालय कार्यरत है!
बिहार के अधिकांशतःजिला की भाषा भोजपुरी है परमयशगत संगीत कला बिहार की भोजपुरी है! हिंदी फिल्म संगीत राष्ट्रीय स्तर की है, जो मुम्बई मे है!
राज्य स्तरीय संगीत कला को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए. वर्षो से भोजपुरी में ट्रैन्डींग स्टार खेसारीलाल यादव जी कह रहे हैं हम प्रत्येक वर्ष दो कड़ोर रूपया यूपी!
को देते है बिहार सरकार फिल्म सीटी बनाती तो यह बिहार को देते यहा के लोगों
को रोजगार मिलता किसी भी राज्य के विकाश के लिए शिक्षाविद विद्वान संगीतज्ञ का राय विचार को अमल में लेकर सरकार को कार्य करना चाहिए तभी राज्य का विकास होता!