अमरदीप नारायण प्रसाद
भक्त और भगवान का संगम स्थल विद्यापतिधाम सावन की दूसरी सोमवारी को भी श्रद्धालुओं के बिना सूना-सूना रहा। इसके अलावे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर राज्य के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर मनाही है। श्रद्धालु दूर से ही ईश्वर की आराधना कर सकते हैं। वहीं, पवित्र सावन मास में रविवार को पूरा मंदिर परिसर व आसपास के इलाके पर सन्नाटा पसरा रहा। सावन के दूसरी सोमवारी को लेकर भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सजग दिखे। चौक-चौराहे पर मुस्तैद पुलिस वालों की नजर बाहर से आ रहे श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर प्रवेश नहीं करने के लिए हमेशा बनी रही।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर विद्यापतिधाम मंदिर में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगायी गयी है। संक्रमण का खतरा ना बढ़े इसी को लेकर दूसरे साल सावन मेला का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सावन मास में श्रद्धालुओं का हुजूम ना लगे इसके लिए मंदिर की ओर जुड़ने वाले सभी रास्ते पर पुलिस एवं दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है।
विद्यापतिधाम मंदिर के पुजारी (पंडा) वर्ग की रोजी-रोटी मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं से ही चलती है ऐसे में उनकी हालत दयनीय होती जा रही है। पिछले साल भी सावन में मंदिर बंद थे और लगभग आठ महीने के बाद मंदिर खुले थे तब तक इस वर्ग के लोगों ने बड़े कष्ट झेले थे। मुख्य मंदिर मार्ग के दुकानदारों की भी रोजी-रोटी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से ही चलती है मंदिर बंद होने की वजह से उनके रोजी-रोटी पर भी बुरा प्रभाव पड़ा था एक बार फिर से सावन माह में ही मंदिर बंद हो चुके हैं ऐसे में दुकानदारों और पंडा वर्ग के लोगों में अनिश्चितता के बादल दिखाई दे रहे हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़ ना हो, इसके लिए मुख्य प्रवेश द्वार को बैरिकेडिंग कर दी गयी है। बता दें कि पहली सोमवारी को मंदिर बंद होने के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसी को ध्यान में रखकर इस बार मंदिर के मुख्य गेट में ही बैरिकेडिंग कर पर्दा लगा दी गयी है। वाबजूद श्रद्धालु मुख्य गेट पर ही जलाभिषेक कर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते दिखे।
मालूम हो कि महामारी के कारण मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है। सिर्फ वहां के पूजारी को पूजा करने की अनुमति प्रदान की गयी है। मंदिर में अहले सुबह सरकारी पूजा अर्चना के बाद शाम में विशेष शृंगार किया जायेगा और महाआरती कर प्रसाद अर्पित कर पट को बंद कर दिया जायेगा।
अंचलाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश पर मंदिर को बंद कर दिए गए हैं कोरोना वायरस का संक्रमण को देखते हुये मंदिरों को बंद करना पड़ा है सरकार के आदेशों के बाद ही मंदिर खोले जा सकेंगे परंतु मंदिर में परंपरागत पूजा अर्चना भोग प्रसाद और आरती आदि का आयोजन लगातार हो रहा है मंदिर में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है।