अमरदीप नारायण प्रसाद।
गलत तरीके से एंव अल्प्रसिक्षित चिकित्सको से इलाज कराने के वजह से ट्रोमेटिक इंजुरी के वजह से गाल (बक्कल मुकोसा) में सुजन हो गया था, यह सुजन बिगत 8-9 साल से था और मरीज़ सुजन के लिए होमियोपेटिक की दावा खा रही थी उक्त बाते अपोलो डेन्टल के निर्देशक प्रमुख डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा। आगे ज्ञानेंद्र कुमार बताते हैं कि लाईपोमा बहुत ही सामान्य धीमी गति से बढ़ने वाले नरम ऊतक नियोप्लाज्म हैं जो परिपक्व वसा ऊतक से बने होते हैं जिनका ज्यादातर जीवन के पांचवें दशक में निदान किया जाता है। मुख्यता यह मुंह में है गाल (बक्कल मुक्ससा) , जीभ और मुंह का तल जिसमें स्पर्शोन्मुख, मुलायम, चिकनी सतह, गांठदार और पीले रंग का द्रव्यमान होता है। ये ट्यूमर मौखिक गुहा में शायद ही कभी मौजूद होते हैं, जो सभी मुंह के ट्यूमर के लगभग 4.4% का होता हैं।
बताते चलेकी अपोलो डेंटल चीनी मिल कैंपस समस्तीपुर के द्वारा लाइपोमा का सफल सर्जरी किया गया। मरीज का सूजन गाल में इतना ज्यादा हो गया था खाने एवं बोलने में अत्यधिक कठिनाई हो रही थी। चुकी इस बीमारी में दर्द ना के बराबर होता है इसलिए मरीज इसको लगभग आज से 9 वर्ष से होने के बावजूद भी इसका इलाज सही तरीके से नहीं करवा रहे थे जब खाने पीने में कठिनाई होने लगा तब इसका इलाज करवाएं। मरीज से पूछने पर पता चला कि लगभग 9 वर्ष पूर्व उस जगह पर किसी चिकित्सकों के द्वारा अपना दांत निकलवाई थी उसके कुछ दिनों के बाद एक गांठ का फॉर्मेशन हो गया और वह गांठ धीरे धीरे विशाल रूप पकड़ लिया। सफल सर्जरी के बाद मरीज का चेहरा भी सुंदर दिखने लगा। इस सर्जरी को सफल बनाने में डॉ ज्ञानेंद्र कुमार एवं उनके सहयोगी डॉक्टर दयानंद कुमार, डॉ फारूक आजमी, डॉ सोनाली सिंह, डॉ मोनी, धर्मदेव, सीमा भारती आदि ने सहयोग किया।