अमरदीप नारायण प्रसाद
सरकारी स्तर पर आलू खरीदने की व्यवस्था हो- ब्रहमदेव प्रसाद सिंह
आलू उत्पादक की बर्बादी की कहानी- किसान रवींद्र सिंह की जुबानी
13-14 रू० बीज खरीदकर रोपे गये आलू, किसान 5-6 रू० किलो बेचने को मजबूर है!इसमें भी किसानों की आंखें खरीददार के इंतजार में टकटकी भरी निगाहों से देख रही है!
मोतीपुर के आलू उत्पादक किसान रवींद्र प्रसाद सिंह ने बता14 रू० किलो बीज खरीदकर आलू की खेती किये थे!महंगी डीजल के कारण महंगी खेत जुताई, खाद- खल्ली डालने, सिंचाई, मजदूरी देने के बाद जब फसल तैयार हुआ तो खरीददार गायब!अगली फसल के लिए पैसे की जरूरत है लेकिन आलू का खरीददार मिल ही नहीं रहा है. 2-3 खरीददार आकर 5-6 रू० किलो दाम लगाया. पड़ोस के किसानों ने तो इसी दर में अपने आलू बेच दिये लेकिन रवींद्र प्रसाद सिंह कुछ बेहतर कीमत के इंतजार में है!मोतीपुर के किसान दिनेश सिंह, फतेहपुर के रामरतन सिंह आदि ने भी आलू की कीमत कम रहने की बात बताई! उन्होंने बताया कि अगर 10-12 रूपये किलो आलू बिकता तो लागत उपर हो पाता! इस कीमत पर तो घाटा ही घाटा है!
किसान सह अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रखण्ड अध्यक्ष ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि किसान केसीसी से कर्ज लेकर खेती किया था वे पूरी तरह घाटे में हैं! अब न लोन चुका पा रहे हैं और न अगली फसल के लिए रूपये की जुगाड़ कर पा रहे हैं!
भाकपा माले प्रखण्ड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने सरकार से आलू की खरीद करने, केसीसी लोन माफ करने, अगली फसल के लिए नि: शुल्क खाद, बीज, कृषि यंत्र आदि देने की मांग की है!