संजय भारती
पटना। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद प्रशांत किशोर बृहस्पतिवार 20 नवंबर को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिन के प्रायश्चित मौन व्रत पर बैठे – जन सुराज ने स्वीकार किया कि पार्टी जनता तक अपना उद्देश्य स्पष्ट रूप से नहीं पहुँचा सकी। प्रशांत किशोर सुबह गांधी आश्रम पहुँचे जहाँ उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इसके बाद उन्होंने निर्धारित स्थान पर बैठकर मौन व्रत की शुरुआत की। उनका मौन उपवास शुक्रवार की सुबह 11 बजे समाप्त होगा। इसके बाद वे मीडिया और लोगों से बात करेंगे। प्रशांत किशोर मौन व्रत पर थे, इसलिए पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने प्रेस को संबोधित किया। प्रशांत किशोर के मौन उपवास पर जन सुराज प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा – 3 साल पहले शुरू किया हमारे प्रयास में सफलता नहीं मिली, इसलिए आज इस संकल्प के साथ बैठे हैं कि फिर से वो प्रयास शुरू करें और जनता को सच्चाई बताएं। जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह मौन व्रत जन सुराज के पिछले तीन वर्षों के काम का आत्ममंथन और उन कमियों का प्रायश्चित है जिनकी वजह से पार्टी जनता तक अपनी बात पूरी स्पष्टता से नहीं पहुँचा पाई। उन्होंने कहा कि हमने बिहार में शिक्षा, रोजगार और पलायन रोकने की दिशा में जो प्रयास शुरू किए थे, उन्हें हम उतनी मजबूती से जनता के सामने पेश नहीं कर सके। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आज का मौन व्रत इस आत्मचिंतन का प्रतीक है कि हमें और बेहतर तरीके से जनता तक पहुँचना होगा। मनोज भारती ने यह भी कहा कि जन सुराज फिर से बिहार की जनता के बीच जाएगा और लोगों को स्पष्ट रूप से बताएगा कि यह आंदोलन परिवर्तन के लिए था और रहेगा। जन सुराज का यह संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। जो लोग सत्ता में आए हैं, हम उनके प्रति जनता की उम्मीदों की रक्षा करने के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे। हमारी भूमिका विपक्ष की तरह होगी ताकि बिहार की जनता को किसी भी तरह का धोखा न मिले।























































