मगर देखता हूँ की हमारे यहाँ “चरित्र” का मतलब केवल व्यक्ति के यौन संबंधो की शुचिता से गिना जाता है। चारित्रिक दोष का तात्पर्य वैध अथवा अवैध पोलिगैमी से है। सम्पूर्ण जीवन की उपलब्धियों और मानवीय गुणों के इतर, व्यक्ति का सिंहावलोकन सिर्फ इस नजरिए से की जाती है कि किस महिला या महिलाओं से उसके सम्बन्ध होने की सूचना, या अफवाहें रही है। नेहरू का विमर्श अंततः एडविना पर आकर टिक जाएगा, अटल का विमर्श राजकुमारी कौल और राजेंद्र मार्ग के बंगले पर..
यदि विचार का केंद्र कोई स्त्री है, तो फिर तो यौन कामनाएं गनगना कर बाहर निकलकर आती हैं। सोनिया को बार बाला बताने का मतलब वेट्रेस नही, कल्पनाओं में मुम्बई की डांसबार गर्ल्स है। इंदिरा के सम्बन्ध में, मथाई की किताब का वो हटा दिया गया चेप्टर बड़ी शिद्दत से खोजा जाता है, जिसके क़ई विद्रूप वर्जन इंटरनेट पर तैर रहे हैं। मानसी सोनी की तलाश भी उतनी ही शिद्दत से होती है।
जरा सोचिए कि क्यो इंसान का किरदार, उसका कैरक्टर, उसका चरित्र चित्रण उंसके निजी पलों की शुचिता का मोहताज है? एक पॉलिटिशियन आपके देश का मुस्तकबिल कितना ऊंचा ले गया, इकॉनमी, फॉरेन रिलेशन, ट्रेड, शांति, सुव्यवस्था, भाईचारा कितना मेंटेन कर सका, आपके मेरे जीवन को कितना आसान और समृद्ध बना गया, जनता को मतलब सिर्फ इससे होना चाहिए। मगर इन बहसों को कट-शार्ट कर, किसी स्त्री के साथ फोटो दिखाने का प्रयास क्यो होता है?
इसलिए कि आपने खुद यौन शुचिता का पालन नही किया है। आपको अपने जीवन के कुकर्मो की असलियत पता है। आपकी नीचता की हद, जो किसी और को नही पता, वह आपको पता है। तब नेता को आप खुद से महान देखना चाहते है। जैसे खुद है, नेता को उससे इतर देखना चाहते है। इसलिए नेता जब आपके जैसी मुद्रा में कही दिख जाए, तो लानत पेश की जाती है। फोटो या सीडी आपको उपलब्ध करा दी जाए, तो प्रथमतः चाव से देखने का बाद, उसकी मजम्मत होती है। नेता को डिस्क्रेडिट कर दिया जाता है।
किसी नेता या नेत्री की फोटो लगाइये। बताइये की आपके पास कोई आपत्तिजनक क्लिप है। देखिये कितनी लम्बी लाइन लगेगी मांगने वालों की। और ये वही लोग होंगे जो जोर शोर से शुचिता की दुहाई देते फिरते है।
तो हर दो टके का आदमी, जो खुद न विद्वान है , न गुणी , न साहसी, न दयालु, न दानवीर, न सुभाषी, न क्रिएटिव, जिसे अपनी शक्ल और पहचान बताने में शर्म आती है। जो मौका मिलते ही लार टपकाने और यत्र तत्र हाथ फेरने का अवसर न छोड़े…. वो नेहरु, गाँधी, अटल जैसे किरदारों के किरदार पर लानत मलते दिखाई देते हैं। सूरज पर थूकते नजर आते हैं।