हर दस में चार व्यक्ति डाइबिटीज के शिकार।

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डाइबिटीज जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है आज हर दस में चार व्यक्ति डाइबिटीज से पिडित आपको मिल जाएंगे और अगर देखा जाए तो इसमें से अधिकांश संख्या युवाओं की मिलेगी। कारण पर अगर गौर करें तो सबसे बड़ा कारण है तनाव ग्रस्त जीवन साथ ही ग़लत खान पान और रहन सहन । खासकर कार्यालय में काम करने वाले लोगों की बात करें तो इसमें अधिकांश डाइबिटीज और ब्लड प्रेशर के शिकार मिलेंगे। इस स्थिति में अपने आप को संयमित रखना तनाव मुक्त होना और खाने पीने पर नियंत्रण रख कर आप डाइबिटीज जैसे साइलेंट किलर से बच सकते हैं । आज भारत इस बिमारी का हब बन चुका है और सबसे बड़ी चिंता आने वाली पीढ़ी की है जिसे हम सभी को इस बिमारी से बचाना है । इसलिए जरूरी है कि इस बिमारी के प्रति हमलोग जागरूक हो । उक्त बातें आस्था फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ मुहिम के तहत नयु इण्डिया ईनसुरेनस कम्पनी के सैकड़ों अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मशहूर फिजिशियन डॉ दिवाकर तैजसवी ने कहीं । आस्था फाउंडेशन की चेयरमैन निक्की सिंह ने कहा कि आस्था फाउंडेशन की टीम डाक्टरों के साथ मिलकर हर सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में इस तरह का आयोजन कर रही है मक़सद है लोगों में डाइबिटीज जैसे साइलेंट किलर के प्रति जागरूकता लाना क्योंकि आने वाले पीढ़ी को बचाने के लिए जरूरी है ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बिमारी के प्रति जागरूक करना । कार्यक्रम को सफल बनाने में नीरज सर और अरविंद सर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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